About

वीरेन्द्र कुमार सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र, धौरा, उन्नाव (उ0 प्र0)
कृषि के क्षेत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र, धौरा, उन्नाव का इतिहास

        अग्रदूत कृषक स्व0 वीरेन्द्र कुमार सिंह ग्रामीण विकास, कृषक जीवन की समृद्धि, वंचितों की सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जीवन की अंतिम घड़ी तक लगे रहे। वकालत में महारथ हासिल करने के साथ ही समाज की सेवा का संकल्प निभाते रहे। हंसमुख, निष्छल प्रकृति ने हर एक मिलने वाले को उनका बनाया और यशस्वी जीवन व्यतीत किया।


     उनके सपने को व्यापक रूप देने के लिए उनके अनुज और हमारी सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष श्री रमेश कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय, लखनऊ खण्उ़पीठ एवं संस्था के सचिव/प्रबन्धन श्री विजय कुमार सिंह (मालिक दादा) ने अपने परिवार की भूमि देकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र 4, नवम्बर 1999 में कर्म भूमि ग्राम धौरा जिला उन्नाव में स्वीकृत करा कर संचालन प्रारम्भ किया और कृषि विज्ञान केन्द्र के सशक्त माध्यम और अध्यक्ष जी की अन्तिम व्यक्ति तक पहुचने की दृष्टि ने हमारे कार्य को किसानों के जीवन में आशा और विश्वास का संचार किया है। कृषि के संघर्षपूर्ण पृष्ठों में यह कृषि विज्ञान केन्द्र उन्नाव जनपद एवं आस पास की ऊसर भूमि पर बड़ी सफलता प्राप्त कर उपजाऊ बनाकर एक आदर्श प्रस्तुत किया है जिसे देश के कृषि वैज्ञानिको, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश शासन ने देखकर प्रसन्नता व्यक्त की है।


     विगत् 25 वर्षो से उन्नाव जनपद के कृषि क्षेत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र, धौरा, उन्नाव अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर अग्रसर है। यह कृषि विज्ञान केन्द्र ऊसर भूमि पर इस उद्देश्य के साथ स्थापित हुआ था कि केन्द्र के माध्यम से हम जनपद उन्नाव की “वेस्ट लैड़ को बेस्ट लैंड में बदल” कर कृषकों की भूमि में सुधार करने, जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के साथ साथ कृषकों की आय में वृद्धि करने का प्रयास किया जायेगा। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए दिनाँक 04 नवम्बर 1999 को यह केन्द्र स्वीकृत हुआ। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के साथ कुँवर राम बक्श सिंह एजूकेशनल सोसाइटी ने मिलकर ऊसर क्षेत्र की तस्वीर में हरित क्रान्ति लाकर पूरी तरह से बदल दी है। केन्द्र के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व अपर महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय, लखनऊ खण्ड़पीठ, श्री रमेश कुमार सिंह जी के नेतृत्व में जिले के किसानो के उत्थान के साथ ही साथ उनकी आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयत्नशील है और अपने प्रयास में सफलता भी प्राप्त की है।


       वर्तमान समय में कृषि विज्ञान केन्द्र में कुल 11.103 हेक्टेयर भूमि है। कृषि विज्ञान केन्द्र में उक्त भूमि पर कृषकों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन एवं अन्य कृषि से सम्बन्धित कार्य हेतु अनेक कृषि तकनीकी/इकाईयाँ जैसे खाद्य प्रसंस्करण एवं विपणन इकाई, वर्मीकम्पोस्ट इकाई, वर्मीवाश इकाई, जैव उर्वरक उत्पादन इकाई, नचुरली वेन्टीलेटड पाॅली हाउस, फैन पैड़ पाली हाउस, ग्रीन हाउस, नर्सरी उत्पादन इकाई, मशरूम उत्पादन  इकाई, मधुमक्खीपालन उत्पादन इकाई, डेयरी इकाई, प्राकृतिक खेती इकाई, एकीकृत कृषि प्रणाली, गोबर गैस प्लान्ट, एजोटा उत्पादन इकाई, बीज उत्पादन इकाई, स्थापित की गयी है।


       किसानों के लिए प्रति वर्ष किसान मेला, उत्तम बीज, सस्ते कृषि यन्त्र, जैविक खेती, सौर उर्जा का उपयोग, प्रथम पंक्ति प्रर्दशन, अनेक प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित कर विकास की दिशा और कृषक जीवन की दशा में सुधार का यत्न जारी है। कुटीर उद्योग, स्वय सहायता समूह, उनके स्वास्थ्य के प्रति सफल अभियान लिए गये हैं। देश के दो माननीय कृषि मंत्री, माननीय कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, माननीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात, उ0 प्र0 सरकार, माननीय उर्जा मंत्री, उ0 प्र0 सरकार एवं माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी, अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति, शासन के अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक समय-समय पर किसानो को सम्बोधित किया है और कृषि जीवन का सार तत्व, चुनौतियों से जूझने के फार्मूले बताये हैं।